अधिकतर लोग ChatGPT को सिर्फ जल्दी-जल्दी जवाब पाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। लेकिन जब मैंने ChatGPT जैसे LLM (Large Language Models) को समझने का नजरिया बदला – मेरी क्वालिटी ऑफ रिस्पॉन्स एकदम बदल गई।
अब जवाब ज़्यादा तेज़, सटीक और मेरी ज़रूरत के मुताबिक होते हैं – बस थोड़ी सी प्रॉम्प्टिंग की समझ से।
✨ Disclaimer: मैं कोई प्रोफेशनल AI इंजीनियर नहीं हूं। ये लेख मेरी खुद की रिसर्च, अनुभव और समझ पर आधारित है। अगर कहीं अनुमान या राय है, तो मैं साफ़ बताऊंगा। और हां – अगर आप AI एक्सपर्ट हैं, तो आपकी राय का स्वागत है।
LLM को Google Search नहीं समझिए
LLM यानी ChatGPT या Gemini सिर्फ एक स्मार्ट गूगल नहीं हैं। वो असल में भाषा को पैटर्न के रूप में समझते हैं। उन्हें इंसानों की तरह ज्ञान नहीं होता – बल्कि वे जो कुछ जानते हैं, वो सब पहले से लिखी गई बातों को देखकर सीखा गया होता है।
जब आप पूछते हैं – "The Great Fire of London?" – वो इसलिए 1666 बताता है क्योंकि उस घटना के साथ वो नंबर बार-बार दिखा है। बस यही है LLM का कमाल – पैटर्न पहचानना और दोहराना।
पैटर्न रिकग्निशन से क्या मतलब है?
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अलग-अलग लेखन शैलियों, टोन और आवाज़ को पहचानना
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भावनाएं और विचार किस तरह से भाषा में झलकते हैं, यह समझना
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एक डोमेन की भाषा को दूसरे डोमेन से जोड़ पाना
तो अब सवाल ये – हम इन खूबियों का इस्तेमाल कैसे करें?
1. रोलप्ले (Roleplay) – AI को किरदार दो
ChatGPT सब कुछ कर सकता है – लेकिन अगर आप उसे साफ़-साफ़ किरदार नहीं देते, तो वो बिखरे हुए जवाब देता है।
उदाहरण:
"आप एक फाइनेंशियल एडवाइज़र हैं, और एक नए निवेशक को समझा रहे हैं कि स्टॉक ऑप्शन क्या होता है।"
इससे वो सिर्फ विषय नहीं समझेगा, बल्कि कैसे बोलना है वो भी तय होगा – भाषा, टोन, और लेवल सब एडजस्ट हो जाएंगे।
2. काम को तोड़ो – Decomposition
LLM के जवाब की लंबाई लगभग तय होती है। अगर आप एक ही प्रॉम्प्ट में 10 काम पूछेंगे, तो वो सबमें कंजूसी कर देगा।
इसलिए लंबे या जटिल टास्क को छोटे हिस्सों में तोड़ दो:
उदाहरण:
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"रिसर्चर बनो और फाइनेंस कोर्स के टॉपिक बताओ।"
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"अब टीचर बनो और 4 हफ्तों का कोर्स प्लान बनाओ।"
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"अब कंटेंट राइटर बनकर पहला हफ्ता लिखो।"
इस स्ट्रेटेजी को कहते हैं – Role-based Prompt Decomposition
3. सोच के साथ जवाब – Train of Thought Prompts
अगर आप चाहते हैं कि ChatGPT लॉजिक से सोचे, तो उसे बोलिए –
"पहले सोचो, फिर जवाब दो।"
या कहिए:
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"डेटेक्टिव बनकर सोचो"
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"अपने जवाब का कारण भी बताओ"
इससे जवाब भले ही गलत हो, लेकिन आप उसकी सोच देखकर गलती पकड़ सकते हैं। और कभी-कभी तो सही जवाब खुद मिल जाता है!
4. Tree of Thought Prompts
अब एक कदम और आगे – ChatGPT से कहो:
"मुझे इस सवाल के कई अलग-अलग जवाब दो, फिर सबसे अच्छा चुनो।"
इससे वो एक ही आइडिया पर अटकता नहीं – बल्कि हर ऑप्शन को सोचता है और फिर तुलना करता है। इससे क्रिएटिविटी और कन्फिडेंस – दोनों बढ़ते हैं।
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Prompt क्या है?5. ReAct Prompting (सोचो और फिर करो)
यह तकनीक कहती है – पहले बताओ कि कैसे सोचोगे और फिर बताओ कि क्या करोगे।
उदाहरण:
"यह निबंध है, बताओ इसमें क्या सुधार हो सकता है? और फिर सुधार दो।"
6. साझा समझ बनाओ – Establishing Prompts
ChatGPT को टास्क देने से पहले उससे पूछो –
"क्या तुम समझ पाए कि मैं क्या चाहता हूं?"
अगर वो सही दोहराता है, तब ही असली काम करवाओ। इससे दोनों के बीच एक shared understanding बनती है।
इमेज जनरेशन में यह बहुत काम आता है। पहले कॉन्सेप्ट समझाओ, फिर पूछो: "तुम्हें क्या लगता है, इसमें क्या और जोड़ा जा सकता है?"
7. सहमति का धोखा – Be Aware of Agreement Bias
ChatGPT हमेशा आपकी बात से सहमत दिखता है – क्योंकि उसे ऐसा ट्रेन किया गया है। लेकिन इससे गलत जवाब भी कॉन्फिडेंस से देता है!
इसलिए पूछते वक्त दो ऑप्शन दो:
"क्या ये सही है… या असल में ये दूसरा तरीका ज्यादा सही है?"
8. Context Window को समझो
Context Window यानी ChatGPT की शॉर्ट-टर्म मेमोरी। जितना वो समझता है, वो इसी विंडो में होता है। लंबी बातचीत में शुरुआत की बातें वो भूल सकता है।
उपाय:
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समय-समय पर चैट को संक्षेप में दोहरवाओ
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शुरुआत में ही ज़रूरी बातें दोबारा फीड करवाओ
और ध्यान रखो – आपके द्वारा दी गई मिसालें जवाब को सीमित भी कर सकती हैं।
9. Lazy Prompting – कभी-कभी कम कहना फायदेमंद होता है
बस एरर मैसेज डाल दो, बिना कुछ पूछे – और ChatGPT अंदाज़ा लगाकर सही जवाब दे देता है। ये एक मज़ेदार प्रयोग है – ज़रूरी नहीं हमेशा सही हो, लेकिन ट्राई ज़रूर करें।
10. Domain Translation और Concept Mapping
ChatGPT एक डोमेन की जानकारी को दूसरे में बदल सकता है। किसी कठिन विषय को समझ नहीं आ रहा?
तो पूछिए:
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"Topic X के लिए 10 अलग-अलग उदाहरण दो"
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"मुझे ऐसे समझाओ जैसे मैं 5 साल का बच्चा हूं"
11. Socratic Prompting – जवाब मत दो, मुझे सोचने में मदद करो
पूछो:
"मुझे इसके जवाब मत दो, बल्कि मुझसे सवाल पूछो ताकि मैं खुद समझ सकूं।"
12. Custom Commands – बार-बार समझाने की ज़रूरत नहीं
आखिर में, ChatGPT की मेमोरी को यूज़ करें।
"जब भी मैं कहूं [XYZ टास्क], तो तुम इसे इस तरह करो..."
इससे हर बार दोहराना नहीं पड़ेगा। ChatGPT आपकी पसंद, स्टाइल और टोन को याद रखेगा।
🔚 निष्कर्ष:
ChatGPT से जितना अच्छा आप सवाल पूछेंगे, उतना ही बेहतर जवाब पाएंगे।
आपको AI एक्सपर्ट बनने की ज़रूरत नहीं है – बस थोड़ा सोचिए, समझिए और ऊपर दिए गए प्रॉम्प्ट्स अपनाइए। फर्क आपको खुद दिखेगा।
AI को समझिए, उससे बात करना सीखिए… और फिर देखिए कमाल!
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